Tag Archives: सुधा मिश्र – Sudha Mishra

मैथिली कविता : हे नव साल

~सुधा मिश्र~ उत्साह सँग उमंग लक आयब खुशीक नव तरंग लक आयब उतिम पहिचान लक आयब ठोर पर मुस्कान लक आयब हे नव साल घावक मरहम बनिक आयब गीतक सरगम बनिक आयब धानक पथार बनिक आयब नेहक पसार बनिक आयब

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मैथिली कविता : मोन मोर हरियाल अछि

~सुधा मिश्र~ बागबोन हरियर गाछ वृक्ष हरियर माटिक हरियरी सँ नभ भेल हरियर हरियर नुवामे मोन मोर हरियाल अछि हरियर पियर चुरीक खनक कमाल अछि पियाके रानी बनलौ नैहरक दुलारी लएला बेसाहिक पाजेब बड भारी

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सुधा मिश्रक दस मैथिली हाइकु

~सुधा मिश्र~ 1 प्रेम दिवस विवाहक प्रस्ताव लाल गुलाब 2 शीतलहर सिरकँक अभाव वृद्ध बेहाल 3 अनुशासन गेल अछि हेराय दंगा मचल

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सुधा मिश्रक चार मैथिली मुक्तक

~सुधा मिश्र~ हे नुतन वर्ष हे नूतन वर्ष नवीन उमंग लअबिहा जीवलेल जीवके नव तरंग लअबिहा जुरेबा तुहु जुरायल देखि धरती गगन कलशमे सजाक प्रह्लाद प्रसंग लअबिहा सभ मायके बेटा तु बनिहे हर्ष पसरि जाई ओहन काज तु करिहे

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मैथिली कविता : कोना सुतल छी विधाता ?

~सुधा मिश्र~ नहि डुबैक ककरो भरोसा नहि टुटैक मोनक आशा देखबियौ किछु तँ हे दाता कोना सुतल छी विधाता ? ककरो खीर परोसल थार ककरो खायके नहि जोगार

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मैथिली गीत : माँगिलेबै अहिबात गे

~सुधा मिश्र~ पावनि कय हम पियाके दुलारी सेनुर पिठारक थाप दक पुजबै वरक गाछ गे माँगि लेबै अहिबात गे वर गाछ तर विपहर पुजबै सउसे पात खोपामे खोसबै

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मैथिली कविता : मासुमक कसुर कहिदिय हे विधाता

~सुधा मिश्र~ पिता जिनका कहल जाति छै अहिठाम साक्षात् भगवान तहन ओ अपने जन्माओल सँ एना किए छथि अंजान? बुझल नहि छनि जिनका कनियो ककरा कहैछै नाता? तखन ओहन मानुष किए बनैछथि किनको जन्म दाता? रहैत छथि अपन तृष्णा कुनो … Continue reading

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मैथिली कविता : जँ फगुवामे एथिन परदेशिया ?

~सुधा मिश्र~ वसन्त लय अँगना सजेबै मीठ -मीठ पुआ हम पकेबै लाल -हरियर रंग घोरिलेबै सब रंगक अबीर उडेबै

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सुधा मिश्रका चार मैथिली मुक्तक

~सुधा मिश्र~ हमरो निंद कहाँ? जागल रहलौ अँहा तँ हमरो निंद कहाँ ? व्यक्त कलैछी अँहा हमरा शब्द कहाँ? बिन डोरेके कसल इ मजगुत गिरह बिनु अँहाके धडकने हमरो साँस कहाँ? स्वर्गक अनुभूति भेल अन्हरिया रातिमे चानक प्रवेश भेल

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मैथिली गजल : हम सिनेहक लुती

~सुधा मिश्र~ हम बगियाके फुल गमैक हृदय अँहाक जाइय हम सिनेहक लुती सुलैग हृदय अँहाक जाइय कारी घनगर केश जखन बादल बनि वरैसय वादुर पपिहा गवैय भिजैत हृदय अँहाक जाइय

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मैथिली गजल : नहि कहु चान हमरा

~सुधा मिश्र~ नहि कहु चान हमरा दाग सँ कलंकित छै दिय नहि मान हमरा दान सँ कलंकित छै देख लिय मोन भरी जतेक देख सकी अँहा दिव्य रुपक काँया परान सँ कलंकित छै

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मैथिली गजल : दाग सँ कलंकित छै

~सुधा मिश्र~ नहि कहु चान हमरा दाग सँ कलंकित छै दिय नहि मान हमरा दान सँ कलंकित छै देख लिय मोन भरी जतेक देख सकी अँहा

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मैथिली गजल : कहके आँट रखैत छी

~सुधा मिश्र~ भुलि नई सक‌ैछी ने कहके आँट रखैत छी मोन ही मोन सही बहुत याद करैत छी व्याकुल होइछी जखन देखलाय सुरतके अँहाके डि.पी. के जुम कय कअ देखैत छी

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मैथिली मुक्तक : डाक्टर भगवानक दोसर रुप

~सुधा मिश्र~ करोना डरे बन्द बाटघाट मल हल एहनमे अस्पताल अछि मात्र खुजल डाक्टर सचमे

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सुधा मिश्रका नौ मैथिली हाइकु

~सुधा मिश्र~ नव सालमे खाइ सतुवा गुड तँ शत्रु नाश जुरशीतल एक चुरुक पानि शुभ आशिष

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मैथिली कविता : नव साल

~सुधा मिश्र~ सजाक कलश प्रवेशद्वार दक अरिपन लँ सिनुर पिठार बेली चमेली गुलाब लक लाल स्वागत अछि आउ हे नव साल सुख समृद्धि लक ढेर रचि उमंग उत्सवक बेर

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मैथिली कविता : सिखायल लकडाउन

~सुधा मिश्र~ किया अतेक उदास अतेक बिचलित अछि इ घरी हमरा लेल त एहन क्षण एहन पल छल सर्वोपरि किछु दिनक लकडाउन किया लगैय मृत्युु समान जिनगीए छल लकडाउन कहाँ केलिय‌ै हम अपमान

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मैथिली कविता : प्रमेक गंगा बहे अँगना

~सुधा मिश्र~ प्रमेक गंगा बहे अँगना शिर पर शोभे ताज गहना दिर्धायू स्वस्थ चिंरजिवी रही नव वर्षके अछि शुभकामना खन्कबैत हाथक कंगना गबैत मधुर वन्दना

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मैथिली मुक्तक : नव साल

~सुधा मिश्र~ भौतिक दुरी बढाक समाजिक दुरी घटायल स्वर्ग होइत छै अपन गाम दिव्य पाठ पढायल लकडाउन सँ भरिरहल

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मैथिली कविता : तोडल मोनक आश

~सुधा मिश्र~ कहियो इच्छाक देल बलिदान कहियो आकांक्षाक देल बलिदान दैत चलि एलौ हम बलिदान जीवन बनल मृत समान अकर कद्दर कहियो कहाँ भेल ?

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मैथिली मुक्तक : कोरोना

~सुधा मिश्र~ हे देवो के देव हे महादेव धर्ती पर फेर त्राहिमाम हे विषधारी हे निलकंठ कोरोनाके करियौ रोकथाम

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मैथिली कविता : प्रीत वर्षारहल गगन

~सुधा मिश्र~ नहि करु अँहा अतेक गुमान तौलु नहि धन सँ अपन इमान खेत पथार भरल बखारी सँजोगि करब कि महल अटारी? जुडाउ किछु कनि अपनो जियाके मुनिक नयन दुनु सुनु हियाके

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