Tag Archives: मैथिल सुमन – Maithil Suman

बाल कविता : आज्ञाकारी बालक

~मैथिल सुमन~ आज्ञाकारी बालक म असल मेरो बानी पढि-लेखी ठूलो भई बन्नेछु म त ज्ञानी अनेक छन् प्रतिभा म भित्र भन्छन सबले सिर्जनाको खानी चाहना छ मेरो पनि

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गजल : संसारमा कुनै कदर हुँदैन

~मैथिल सुमन~ स्वभिमानीको यो संसारमा कुनै कदर हुँदैन मित्र! भ्रष्टाचारीहरूका नि:स्वार्थी नजर हुँदैन तपाईंले गरेका मिहिनेत र समयको लगानीको अरुले उचित मुल्याङ्कन गर्ने कुनै पहर हुँदैन

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मैथिली गजल : बहूत दिनक बाद…

~मैथिल सुमन~ बहूत दिनक बाद आई एक टाs गजल बनल छै टुटली मरैया चहूँदीस सज्जाकऽ महल बनल छै अहाँक प्रितक वसन्त बहारक आगमनसँ प्रिया साच्चे समुच्चा इ जीन्गी हमर सफल बनल छै

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मैथिली गजल : निक विचार नञि देखलाैं

~हृदय नारायण यादव ‘मैथिल सुमन’~ अहाँ भितर निक विचार नञि देखलाैँ कहियाे, विश्वास कsसकी अाे विचार नञि देखलाैँ कहियाे, अहाँ भितर निक विचार नञि देखलाैँ कहियाे, विश्वास कsसकी अाे विचार नञि देखलाैँ कहियाे, अहाँ भितर निक विचार नञि देखलाैँ कहियाे…

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