Tag Archives: वीरेन्द्र कानु – Birendra Kanu

भोजपुरी कविता : दुःख

~वीरेन्द्र कानु~ अइसन बा दियरी कि प्रकाश हि देवेला सहेला लाखो दुःख लेकिन पेनि ना फुटेला फेर इ कइसन बा आदमी

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भोजपुरी पौराणिक कथा : बसन्त पञ्चमी

~वीरेन्द्र कानु~ माघ शुक्ल पञ्चमीके दिनके बसन्त पञ्चमी कहलजाला । इ दिनके वाणीपूजा, वागीश्वरी पूजा तथा सरस्वती पूजनोत्सवके रूपमे मनावलजाला । इहे दिन रतिकाम महोत्सव, आम्रमञ्जरी भक्षण महोत्सव तथा लेखनी पूजन महोत्सव भि विभिन्न जगहमे मनावल गइल मिलेला । हमनीके … Continue reading

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भोजपुरी कथा : भिखारी

~वीरेन्द्र कानु~ सांझ के समय रहे, नया सिजनके लिचि आ आम बजारमे एक दु दिनसे खुबे आवे जेसे बजार मे अउरी दिनके तुलना मे तनी भिड जादा होजात रहे । हरिहर तरकारीसे त बजारे भरल रहे । एकजने साहेब बहादुर … Continue reading

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