Category Archives: भाषा-भाषी साहित्य

सुनुवार भाषी कविता : आँके तेलमेर

~सुर्य प्रकाश सुनुवार चेरेहामसो~ मुलाअ्त सिनाअ्त सिरमि सेअ्दिब मुरपुकि ताँ दोतथ योलमा मे, सिरमि सेअ्ब मुर माबाअ्थु अ्वाकि पूmइल सिरमि वाःशा चोअ्ने दुमतेअ्म ने…, तोअ्शिल नु सेरेम पूm बोइशशा हेमतेअ्म ने…, साइ थोचे सम आइदि खिँऽ, आइथा खिँऽ,

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थारू भाषी छन्द कविता : कहाँगिल अगहनिया नेन्धर ?

~लक्की चाैधरी~ छन्द : सवाई  कहाँगिल अगहन, थारुनके रीति ? हेरागिल हेर्तीहेर्ती, नेन्धरके मिति ?? भुलेलग्ली संसकृति, हेर्तीहेर्ती हम्रे । धेरजन्ना होकेहोकी, नैसेकली सम्ह्रे ।।१।। ढिक्रीबेचे जाइदुल्ही नातनके घर । निसफिक्री होकेबैठी नैरहिन डर ।। सबओर स्वतन्त्रता मनलग्ना दिन ।

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कुलुङ भाषी गजल : उ:म निङ्पी तुचाइलो

~उद्धव गदुहो कुलुङ~ उ:म निङ्पी तुचाइलो सानिवा फात्नोदो उनाई आना मोन्तो नत्चय आन नत्नोदो इमिक्वा इहोप्ङा हायाम चाइया लयचि उनाइ खाप्चाय आमनिङ्पी खापनोदो

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थारू भाषी मुक्तक : महजन्वक् ऋण चुकाब

~सत्यनारायण दहित~ प्रदेशसे आइतुँ डाई आब महजन्वक् ऋण चुकाब । लावा चोलिया गोनियाँ किने हसुलिया बजार जाब । बर्का बन्वम खर काटे बाबै आब जाई नै परहींन,

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थारू भाषी कविता : आपन भाषाहे छातीसे लगुइयन्

~अनिल चौधरी~ आपन भाषाहे छातीसे लगुइयन्, आपन अङ्नाहे देउना-बेब्री से सजुइयन्, कौन गल्लीमे हेराइल बटो, कौन कोन्टीमे खुस्टल बटो, दिन महिना बरस बीत गैल्, अब ते तोहार पहिचान फेन मेट गैल् /1/

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सुनुवार भाषी कविता : ममा मालेममा

~सुर्य प्रकाश सुनुवार चेरेहामसो~ मेको आँ देल, मेकेरे सुनी बुरुउरुमि ’लाँऽका ग्लअ्बा, केरेरेरेरे… पा….। न्हाँऽ जुअ्तानु बिः बाछा ग्लिअ्बा बाँऽ…बाँऽ… पा । तारना मेकेरे च्युँ च्युँ ग्लिअ्ब च्युँऽनापुकि, मेको आनके देल माबाअ् बा , चारो गेतेक दा एर ङा ल्वो,

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मैथिली कविता : संघर्ष

~विनीत ठाकुर~ संघर्षक पथ पर हौसला बुलन्द अछि जीत आव लग अछि नै कानु माय जल्दिए लौटव हम अधिकार प्राप्तिक संग अहाँक शरण मे ।

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सुनुवार भाषी कविता : आदर स्याम्दार

~मन प्रसाद सुनुवार~ दरदर लेस्या गाःब पुकि ठेसे लेस्या बाःब पुकि मुल्द काःथ बुकिने निप्सङा पुस्सु रोकिने……. मिच कृप्स्या बाःब पुकि नोफा सुस्या बाःब पुकि

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मैथिली मुक्तक : उलझन

~विनीत ठाकुर~ दहेज सँ खरिदल दुलहा पर भाग कि निक निशारात्रि मे अनोना दुलारक राग कि निक

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सुनुवार भाषी कविता : कोरो लति

~डा.लाल श्याँकारेलु रापचा~ मिम्तुनु कोँइच थेःनीमि ओँ देँ:ब — “किल्लोआ कुम्सो नम्दिआ शिल ह्वाँ चिम्शा होमोक जोइ चिम्शा जिल मुलिच तमी गो समीबु आँसकल हेँथे मदाप्चा

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संस्कृत कविता : प्रेमसिंहासने राजितोऽयं जगत्

~निर्मोही व्यास~ प्रेम सृष्टेः परं सारमेकं महत् प्रेमसिंहासने राजितोऽयं जगत् इन्दुना सार्धमाह्लादिता चन्द्रिका भ्राजिता वारिवाहेन सौदामिनी अम्बरश्चुम्बति क्वापि नूनं धरां रागिणी यत्र त्तत्रैव वीणा–ध्वनिः

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अवधी कविता : मननीय

~अजय पाण्डे~ देश कय अवस्था एकदम दयनीय होइगय कल कय गुन्डा जब से मननीय होइगय पढाल लिखल देखो सब भैँस चरवय अव बिन पढ़ा सब कै सम्मनीय होइगय

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अवधी कविता : कुटिया कै लक्ष्मी पुजा

~अजय पाण्डे~ सबकेहू लक्ष्मी माई कै अगुवानी मे लगा है | हर गवाँ चौराहा पे माई कै मुर्ति खुब सजा है | होइ सबकुछ मंगल अव सुख कय होइंहै बौछार सब कै हृदय मे इहय अभिलास आव विश्वास भरा है … Continue reading

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थारू भाषी समीक्षा : थारू भषासाहित्य और संस्कृतिके एक झलक

~अभितकुमार चौधरी~ पृष्ठभूमि खोला कताके ठण्ढा हावामे बहौत दिनसे कुदल चियै टुटल नै छै हमर बनेलहा घर सदियौँसे बैसल चियै । आपन मातृभषा, आपन परम्परागत रीतिरिवाज, बेग्ले किसिमके सांस्कृतिक पहचान, सामाजिक संरचना और लिखित या मौखिक इतिहास भेल जमा ५९ … Continue reading

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थारू भाषी गजल : तुह कहाँ रहो ?

~सीता थारू ‘निश्छल’~ जिन्दगीमे दर्नैं चिठ्ठा, तुह कहाँ रहो ? तुहिनहे मँग्नु भिक्षा, तुह कहाँ रहो ? हातमे लैके बरमाला ओ सेंदुर–टीका घनि–घनि दर्नैं झिँका, तुह कहाँ रहो ?

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तामाङ भाषी कविता : प्यारो ताला

~पलपल मोक्तान~ आमानै खेप्पा चुजम्बुलिङरी प्यारो ताला आबानै खेप्पा चुजम्बुलिङरी प्यारो ताला जुनै घ्लरी निबामी केवाला सा प्यारो ताला ग्योईगदे लानन ताबामी ङालन ग्योई प्यारो ताला धुन त मादललामी ज्याबान ताला तर ङादाम डम्फुाला धुनमी प्यारो ताला

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सुनुवार भाषी कविता : थुअ्सु

~सुर्य प्रकाश सुनुवार चेरेहामसो~ थुअ्सुमि मुरकालि माप्लोइँबा, सुइ सुइमि थुअ्सु पाइनिमि , चाबबामि माचाबबामि थुअ्सु पाइनिमि, थुअ्सुमि मुरकालि माप्लाइँबा । मुर खुःमानु धुश पिशामि ग्याइतानु, थुअ्सुमि सापपा शेत गेअ्ब, मुनु माचापथरि माचापथरि थुअ्सु पाइनिमि । गे पानु माचाबपुकि थुअ्सु पाचा … Continue reading

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तामाङ भाषी गजल : आताबा दात्दे

~पलपल मोक्तान~ चु धर्तिला मेन्दो हिन्ना ह्याङ तामाङ लुसि आताबा दात्दे दोङराब ब्रिबा बेलारी याङतामाङ झुकाब आताबा दात्दे नत मोक्रान,पाखी्रन,स्यांतान नता योन्जन,बम्जन,लोप्चन ह्याङ जम्मन ज्यो ज्यो आले हिन्ना चुकाब आताबा दात्दे ।

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सुनुवार भाषी कविता : किललो

~सुर्य प्रकाश सुनुवार चेरेहामसो~ मुलाअ्त गो किललोका ’ग्याइताङ, किललोका ग्याइशा, आँ लोअ्बकलि हिललो पाइताङ, एको किललो मार पाचा ? लोअ्बम देँऽत गे नु गो ’योअ्शा ओचा ।

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थारू भाषी मुक्तक : बञ्जरभूमि

~छविलाल कोपिला~ बिना कारण हमार वस्ती बगाजाइठ् ओस्ते यहाँ रातारात आगी लगाजाइठ् हेरो ! यी बञ्जरभूमि,

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सुनुवार भाषी कविता : निपसि

~चन्द्रप्रकाश सुनुवार~ लिकु थेरेरङा बÞाकु खोदेँशो नेललिके थँु रिमचा मालशो कोइँचबुपुकिमि मार मार मिमतेमे रागिमि मेनकाका दुमचान मालशो नेललि काःन दुमशा बÞाअ्शो कोइँचआनकालि तेको ’बुदिमोरपुकि जाअ्शा फ्लादामे … ?

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थारू भाषी कथा : कुवाँरी

~गुरुप्रसाद कुमाल ‘बुलबुल’~ ‘कुवाँरी…’ जाँच कोठमसे नर्स बलाइल् । नर्सक् बोलले कुवाँरीक ढेर घचिकके पटिस् लग्टिक अश्रा ओरागैलिस् । महिनावारी रुक्लक् ओरसे ऊ जचाई गैलरहे । ऊ आपन पाला अइलक ओरसे बलैलक् कोठम् गैल् । कुवाँरी कोठम् पुग्टी किल् नर्स … Continue reading

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सुनुवार भाषी गजल : ख्लोप्शा चाम्मुस

~अतित मुखिया~ चर्मि चर्वा बातस बला ख्लोप्शा चाम्मुस दामदामपा दाम्मुस सु ब्लोबासा थाम्मुस आंकल माल्शा पिएमै इकल कोश्या गो बाति एकिन ग्लुम्शो गिस रिम्शो काले काथा व्याम्मुस

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सुनुवार भाषी गजल : अँ तैा इँगि बुकुलु …

~थरि कयाबा~ तुकुल तुकुल बुकुलु, इ बगे ङेातिमि सिल पववेा इ बगेमि करा शेतननने , गिव बेलेशा इँगि सेव पाववेा ।।१।। किललेाययेा कुमसेा पायिनुङने , तिकुचमि वारच चेाइननने , यर शेपेा इँगि यर शेपेा ,बुलुकुम सलाम सिल पववेा ।।२।।

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तामाङ भाषी गजल : डोलीरी थान्सीनाम

~पलपल मोक्तान~ आका्रउ आमा आका्रउ आबा डोलीरी थान्सीनाम माईतिसे डान्सी ङा खाला आमा कोसेली पुईसीनाम लाबा मुबा नामेसे ज्याङ दोङला हाँगारी नामेला कोला खालैसे बोर्जी फुरफुर लासीनाम

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मैथिली कविता : बापक ब्यथा

~रंजित निस्पक्ष~ केहन निर्लज तों भेले ओली, बापक नाम हँसेले रै ! केहन बंशमें जन्म भेलौ तोहर, खन्दानक नाम घिनेले रै ! बढ घिर्णित हम भेनौ ओली, जे जन्म देलियौ हम तोरा रै ! अई स बरहिंया निपुतरे रहितौं, नै … Continue reading

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सुनुवार भाषी कविता : थेँदि

~क्युइँतिच रानाबिर~ साइगाइ, इरि इरि चामयामला केखखि बङसेतआ लाथरा जिअ्शा गुरिब (हालो) आ थेँदि दुमबा दे गिपशिका: खुपशा चाअ्शो नामि। आ बेअसि दा मेको लाथराआ थेँदि तेकाइ मुअ्शा रोबाल चिबाल दुमशा

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सुनुवार भाषी कविता : कोश्य

~सुर्य प्रकाश सुनुवार चेरेहामसो~ अ्वाकले लङगा ग्लुङानु आाकालि मातुइथुन मुरकाःम ग्याइताअ्यि, आँकालि ग्याइशा लाइशा खोइल रोपशा पोँपिल पाइताअ्यि, मेकले अ्वालैपा कुरशा लाइति । गो सापपान गाइताअ्यि, आ खिँऽ चादिशशा आँकालि खापाम लेक रापताअ्यि,

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नेवारी कविता : सी मास्ति मव:नि

~नारायणदेवी श्रेष्ठ~ सुन्दर जगया सुन्दर सुख नं, मगा:नि याय् भोग, मामाता लोभ व प्रेमं आ: नं त्वा:तुगु मखुनि जित:, शक्ती व साहस अभिलाषा नं तंगु मदुनि भ्या हे अमूल्य सुन्दर जीवन जिगु थौं फूगु मखुनि कारे, उकिं जि ला थौं … Continue reading

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सुनुवार भाषी कविता : खामे गेचा ब्लितामे इ गोति

~चन्द्रप्रकाश सुनुवार~ नाअ्तिकुसकुस बुरु रुमि ग्यारचा ग्यारसाउ शाँ इँ गोति ते तेरेङा एकके जाअते बÞालाइ पाँ पुत निशशा आँ थुकुमि बाअ्ते क्योराप थेपुलमि ग्यारसोनु थिशशा हेराला उइ लुच दोति आँके मिअ्चिमि फुर बेरशा काङरे सुवाके फु बÞोति

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सुनुवार भाषी कविता : मिलोशिलो पाइचा

~सुर्य प्रकाश सुनुवार चेरेहामसो~ ताँ माराम ब्लाक चिपतिमे, आँ पिया काइयो पोअ्ने माचाबु, गुइ ग्याइशा किअ्ब मुरु माथिङा, मोदे दा काई गेथि बोअ्ने माचाबु ।। गेथ् लाचा कालि मुर पेचचा मालताउ, मुर पेचचा कालि खोइल किःचा मालताउ,

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सुनुवार भाषी कविता : पुँइलाते

~रणवीर क्युँतिचा~ साइ पुइँलातेपुकि पुइँनापुइन कोँइचके एको राःगिमि जाअतेमे कोँइच इपशो राःगि मुखे थारशा थाअतेमे काः देरपा जाअशो पुइँलातेपुकि मुलात सिनातिआवास नेल जाअशा शोमतेमे मार देँचाङा कोइँच इँयिकालि

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