Category Archives: भाषा-भाषी साहित्य

नेवारी कविता : थ्व खःजिगु देश

~सौरभ शाक्य~ म्हगस, म्हगसया फैन्टेसिइ थनया नेता,थनया जनता थःत गुलि हाकुतिनाबिइ सुयांगु बोलिइ, सुयांगु धापय् सुयांगु भरे कि-थम्हं सार्बभौम त्वफ्यूगु चाइमखु मात्र ल्यनाच्वनि वाउँ भटूया लिसा लिसा काःगु खँग्वः ल्युनय् त्वताःधकि बिम्बः,शिल्प,क्वँय् मदुगु मेया अलंकार जि छु कथं च्वये कबिता … Continue reading

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ईश्वर थोकरका तामाङ भाषाका नौ हाइकुहरु

~ईश्वर थोकर~ १. क्राःलि रो ङादा मिःग्याम प्रुलप्रुल मिख्लि पुइमा । २. एसे ङ्यान्कुति लासाइ तिल्दा ङादा नेःबा आखानि ।

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मगर भाषी गजल : हिके ढाटा नाकोई

~तारा थापा मगर~ कुन्च बैमान ङाके हिके ढाटा नाकोई ङउ दास्मो अर्कुङ वैना लाटा नाकोई सधै देउला नाको बिना मुके माहेक्ले छिनिङ पिहिन ङाक्के हिके बाटा नाकोई

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तामाङ भाषी कविता : ज्यागोन दिङलिच्छा ह्रुप ताबा र्गोिर्ग ह्रोला मिनरि

~ईश्वर थोकर~ हिन्ना, ङा चुराङलासि खाइमाइ आताङबा मुबा तिनि– एदा ब्ले म्राङसि ताङजि ! देन्बान, ए

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नेवारी कविता : प्रियतमयात

~नारायणदेवी श्रेष्ठ~ प्रियतम पूजा यय् योला जिं ? आशान्त मनया पीडा न्यांका अश्रु-अमृत-धा: मद्दिक छाया व्यथित हृदयया चिन्ता च्याका प्रियतम पूजा याय् योला जिं ?

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मैथिली कविता : शान्ति सन्देश

~विनीत ठाकुर~ ए ! शान्तिदूत परवा उड़िकऽ आ अप्पन देशमे फैलऽवै तों शान्ति हिमाल, पहाड़ आ मधेशमे एतऽकेँ सभ नर–नारी अछि शान्तिकेँ पूजारी सहत कोना हिंशा पसरल अछि समस्या भारी हिमालक अमृत जलमे मिलिगेल शोनितकेँ धारा

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तामाङ भाषी कविता : तामाङ ग्योइदा माया लाबा

~भिम दोंग तामाङ~ तामाङ ग्योइदा माया लाबा मोक्कोन छामे ब्योन दोर्जे ह्राङ्लान रीमठीम छार्नालाअी ह्राङलान ग्योइदा ज्येनालाअी………..।। आज्याबा ठीमदा पोबारी

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मैथिली कविता : जाइतक टुकरी

~विनीत ठाकुर~ जाइतक टुकरी नै ऊँच–नीच महान् छी हम सब मैथिल मिथिला हमर शान होइ छै एकेटा धरती एकेटा आकाश पिवैत छी सबकिओ एकेटा बतास चाहे ओ पंडित हो, पादरी आ खान

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तामाङ भाषी कविता : मायाला छो ङाइ रिम्जी

~भिम दोंग तामाङ~ म्हिलुइ केबामी नेबारी चु ल्हुइ केजिम क्राबारी एसेम क्राना लासाइनोन गुनासो आरे चु सेमरी । गोङ्मा ङाइ छार् पोबारी छ्यम्नोन एदाइ बोर्बारी आब्रामा ङ्यान्दे ङादेम छ्याम् छार् ग्याम एसे सोजिमाम ।

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मैथिली गजल : पिअरगर यौ

~धिरेन्द्र प्रेमर्षि~ जोरजुलुमसँ जे ने झुकए से भाले लगए पिअरगर यौ इन्द्रधनुषी एहि दुनियामे लाले लगए पिअरगर यौ ठोरे जँ सीयल रहतै तँ गुदुर–बुदुर की हेतै कपार! एहन मुर्दा शान्तिसँ तँ बबाले लगए पिअरगर यौ कुच्ची–कलमक रूप सुरेबगर रहलै, रहतै … Continue reading

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भोजपुरी हास्य कविता : मच्छर–पचीसा

~प्रमोद कुमार पाण्डे~ जेहिं काटत दुख होय, निशिनायक नींद हरन । करहु अनुग्रह सोई , करन देउ आराम पूरन ।। रक्षणहीन तन जानिके, सुमिरौ नरक कुमार । भनभन भनभन करिके प्रभु ,हरहु न नींद हमार ।।

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मैथिली गीत : बेटीक भाग्य विधान

~विनीत ठाकुर~ बीसम बसन्त जाहि घर बीतल सेहो घर भेल आब आन किया विधना फेरि(फेरि कऽ लिखे बेटीक भाग्य विधान के आब भोरक भुरुकबामे उठि कऽ चुनत बागक फूल एतबो नै कोना सोचलन्हि बाबा कोना पठाबथि दोसर कूल

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ईश्वर थोकरका पाँच तामाङ भाषी हाइकुहरु

~ईश्वर थोकर~ १. एतेन ङामि ह्रो हिन्ना जाजामाला ह्रुप ताइले । २. एसेम ङादा म्लेताला उइमान ङाइमि आरे ।

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मैथिली कविता : प्रजातन्त्र रामलीलाक मञ्च

~रोशन जनकपुरी~ सन्दर्भ : वर्तमान १) देश खीरा जे ऊपर सँ सौँस होइछै आ भीतर सँ फाँकफाँक । २) राजनीति

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तामाङ भाषी कविता : शान्तिला ह्युल नेपाल

~सुनसान तामाङ पाख्रिन~ च्योमदान्देसे याङवा मुबा शान्तिला ह्युल नेपाल बिसी गाङसाल नेपाली सिसी जिन्जी ज्योज्यो थेन आले छेसी छेसी तिका याङला ज्योज्यो आलेसे नेपालरी आतंकदा बासी कवा पिन्बा आबा आमादा सेम क्राना लासी

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लिम्बू भाषी कविता : आनी लाजेइन

~रमेश नेम्बाङ~ आनी लाजेइन लामभोतेआँग नेमुरो पान मेन्दँगले मेलाक्तँग् नेमुरो आनी लाजे खाम्बेकमेन हापाँग् ने लाजेसे आभोक्सेम्मेओ पाताँग् ने आनीपान लाम्मेन पोपेक्माचोक्पे सकसक मुन्धूम माबेक्माचोक्पे लाजेइन नुबा लाम्मेअ तोम्बुँग् लो

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मैथिली कविता : चहुँदिश अमङ्गल

~विनीत ठाकुर~ स्वार्थेबस मानव उजारलक ओ जङ्गल । तैं धरती पर देखल चहुँदिश अमङ्गल ।। ठण्ढी में कनकनी गर्मी में अधिक गर्मी । नदी नाला के आब बन्द भऽ गेल सर्बी ।।

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तामाङ भाषी कविता : मुक्लान्नरी निबा ए कोला

~भिम दोंग तामाङ~ आमा : फ्याङ्सी खबा चारी एसे ङाला कोल्ला खबर तिलाई आबमु ङ्हिदिङ सोम्दिङ तासिजिन्जी ए कोला मुग्लान वङ्निब फ्लिक्दोसी खाइमाइ आखमु आमा : ए कोल्ला सेम कदे कोङ्बा

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मैथिली कविता : कम्प्यूटरक दुनिया

~विनीत ठाकुर~ ईन्टरनेट, ईमेल कम्प्यूटर के दुनिया । च्याटीङ्ग पर भेटल हमर ललमुनिया ।। नाम ओकर भाई जेहने छै अलका । तेहने ललितगर केश ओकर ललका ।।

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तामाङ भाषी गजल : ताला एला ल्हारी बास

~सुनसान तामाङ पाख्रिन~ थाक्लाङ्गो जुवा थेन थास ताला एला ल्हारी बास चुराङबा कलिलो उमेररी जीन्दगी ताला एला नास फूर्ति ओन्सी थाक्लाङ्गो ए, एला जिन्दगी थेरीन निला एसे तिला याङला खेप्पा स्हे, जुवा तास क्लाङसी खास

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रमेश नेम्बाङका ३ लिम्बू हाइकु

~रमेश नेम्बाङ~ (१) आनी लाजेले कुमिक्वा मारेरो कूनिंवा तुगे (२)

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मैथिली गजल : डर लगैए

~रोशन जनकपुरी~ नाचि रहल गिरगिटिया कोना, डर लगैए साँच झूठमे झिझिरकोना, डर लगैए कफन पहिरने लोक घुमए एम्हर ओमहर शहर बनल मरघटके बिछौना, डर लगैए

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मैथिली गीत : जे करथि घोटाला

~विनीत ठाकुर~ जे करथि घोटाला छथि अखन बोलबाला चलत कोना ई दुनिया कह रे उपरबाला गाम–नगर में बैइमान वनमे घुमै सैतान मानब भऽ दानब वनि करै सज्जनक अपमान

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चाम्लिङ कविता : आताख्लो त्यिक्ये न्गासे

~टिकाधन चामलिंङ~ आ छुई बो प्लाब्द्यु बो ? बाख्रा सा वा बो चुन्ग्कासु न्गा बो ? हुन्ग्सई न्गासई कान्गना ल्युन्ग्पा ओस्को नामै आसो ससुन्ग्पा मलायेवा मुई ह्रैकई काँगाना आल्से द्येतिरूंगा अस्क्यो आताख्लो त्यिक्ये न्गासे

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मैथिली कथा : अग्‍निपुष्‍पके गुच्‍छासब

~रोशन जनकपुरी~ दुश्‍मनके नाइट भिजन हेलिकप्‍टर सँ राइत भइर बमबारी के बादो जनसेनाद्वारा कएल गेल घेराबन्‍दी नइ टुटल रहइ । जेना सिनेमा मे होइछै, चहुदिस पसरल अन्‍हारमे एम्‍हर बम खइस रहल अइ, ओम्‍हर बम खइस रहल अइ आ लोकसब दौड … Continue reading

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मैथिली गजल : जर्सी छी

~धीरेन्द्र प्रेमर्षि~ सिहकैत कनकन्नीमे सीटर छी, जर्सी छी मखा-मखा प्रेम करी, मोनक प्रेमर्षि छी चानक धियानमे धरती नहि छूटए, तेँ डिहबारक भगता हम दूरक ने दर्शी छी

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चाम्लिङ कविता : लाम्दा इटो हिपाती लावेदा हिङे

~राजेश चाम्लिङ राई~ लौ लुङा ! लौ थलो हारदा हार ल्हापुम्केनो धान नाची मुपा ओको हाकारा छुची तालदा ताल मूममेनो बुइछर नाची मुपा ओको हाकारा छुची आसो सिहंदरबार ओमा तिरे खैमो हैकामा खुपा इसाचापा तोदा आसो म्हुमा लाम्थीमा तिरे । … Continue reading

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मैथिली कविता : भरल नोर में

~विनीत ठाकुर~ केहन सपना हम मीता देखलौँ भोर में । माय मिथिला जगाबथि भरल नोर में ।। कहथि रने वने घुमी अपन अधिकार लेल । छैं तूँ सुतल छुब्ध छी तोहर बिचार लेल ।।

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बान्तावा गीत : उङ्का पिखुवा लिसाङ

~पदम राई~ उङ्का पिखुवा लिसाङ२ खाना टेम्के भर२ (आम मित्मादा उङका ताङालाङा नाम्छर२)२ उङ्का पिखुवा लिसाङ खाना टेम्के भर२

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मगर कविता : कानुङ मोई !

~खडक आले मगर~ मिक पिंठार मिक्डी लामु, लोही पिँठार रो ह्याट्मो याक नाम्बिक कसरा चेमु, ङुमो आउला,कानुङ मोई। जजा देशाङ नूङमे डेमु हिल्स्या आरीक्न राक्ले डेमु, से सेहेच मानम डाङमो ङुमो आउला ,कानुङ मोई।

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चाम्लिङ गजल : ख्रुप्सानी आसो

~मुना निश्चल~ भुइपा-चुमा इरा तिसा्र ख्रुप्सानी आसो तया-खिया ढिप्री चि लुङ्तानी आसो दोम्नो हिङामा आराखाङ वासिम दुङसा तैतयाम मि लुङ्मा धुङ्तानी आसो

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संस्कृत कविता : प्रेम कविता

~नरेन्द्र पराशर~ शरदा ज्योत्स्नया कान्ता वसन्तेन सुशोभिता चञ्चला चञ्चला चैव स्मिता भीता समाहिता । त्वमेका मृदुवाक्येन कोकिलानाञ्च कोकिला प्रकृत्यैव नता धीरा स्वभावेन शकुन्तला ।

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