Tag Archives: Chandra Prakash Sunuwar

सुनुवार भाषी कविता : गो ’रिमनुङ

~चन्द्रप्रकाश सुनुवार~ इ कुल कोःचा माताथु गो तोइति कोःचा दाअ्शा सापपा गोइति जाचा माताथु तोइशो मुरु बुदि चोर ग्लोइति गोइ चिँ सुनु इथँु खिअ् बोइति ? इकालि मोदेब काक लोः मार पाङा ङा आँनु चुर चुरशा शोअ् ब्लाःयेँ

Posted in सुनुवार कविता | Tagged | Leave a comment

सुनुवार भाषी कविता : निपसि

~चन्द्रप्रकाश सुनुवार~ लिकु थेरेरङा बÞाकु खोदेँशो नेललिके थँु रिमचा मालशो कोइँचबुपुकिमि मार मार मिमतेमे रागिमि मेनकाका दुमचान मालशो नेललि काःन दुमशा बÞाअ्शो कोइँचआनकालि तेको ’बुदिमोरपुकि जाअ्शा फ्लादामे … ?

Posted in सुनुवार कविता | Tagged | Leave a comment

सुनुवार भाषी कविता : खामे गेचा ब्लितामे इ गोति

~चन्द्रप्रकाश सुनुवार~ नाअ्तिकुसकुस बुरु रुमि ग्यारचा ग्यारसाउ शाँ इँ गोति ते तेरेङा एकके जाअते बÞालाइ पाँ पुत निशशा आँ थुकुमि बाअ्ते क्योराप थेपुलमि ग्यारसोनु थिशशा हेराला उइ लुच दोति आँके मिअ्चिमि फुर बेरशा काङरे सुवाके फु बÞोति

Posted in सुनुवार कविता | Tagged | Leave a comment