मैथिली कविता : तोडल मोनक आश

~सुधा मिश्र~

कहियो इच्छाक देल बलिदान
कहियो आकांक्षाक देल बलिदान
दैत चलि एलौ हम बलिदान
जीवन बनल मृत समान

अकर कद्दर कहियो कहाँ भेल ?
सभटा माइट मिलिक गेल
जकरा लेल केलौ सभ त्याग
ओहे बनल देखु कोना आन

जइर अपने देलियै शीतल
भिज अपने रखलियै सुखल
ठिहुरि अपने देलियै ताप
सेहो तोडल मोनक आश

पल पल जकरा देलियै साथ
दिन राति जकरे केलियै नाम
जकरा शिखर पर पहुँचेलियै
ओकरे धक्का सँ खसलियै

सुधा मिश्र
जनकपुरधाम-४,धनुषा
प्रदेश न २,नेपाल

(स्रोत : रचनाकार स्वयंले ‘Kritisangraha@gmail.com‘ मा पठाईएको । )

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