नयनमे उगै छै जे सपनाकेर कोँढ़ी, फुलएबासँ पहिने सभ झरि जाइ छै
कलमक सिनूरदान पएबासँ पहिने, गीत काँचे कुमारेमे मरि जाइ छै
चान भादवक अन्हरिये कटैत अहुरिया, नुका मेघक तुराइमे हिंचुकै छल जे
बिछा चानीक इजोरिया कोजगरामे आइ, खेलए झिलहरि लहरिपर ओलरि जाइ छै
हम किछेरेपर विमल ई बूझि गेलियै, नदी उफनाएल उफनाएल कतबो रहौ
एक दिन बनि बालू पाथरक बिछान, पानि बाढ़िक हहाकऽ हहरि जाइ छै
के जानए कखन ई बदलतै हवा, सिकही पुरिवाकेर नैया डूबा जाइ छै
जे धधरा छल धधकैत धोंवा जाइ छै, सर्द छाउरकेर लुत्ती लहरि जाइ छै
रचि-रचिकऽ रूपक करै छी सिंगार, सेज चम्पा आऽ बेलीसँ सजबैत रहू
मुदा सोचू कने होइ छै एहिना प्रिय, सींथ रंगवासँ पहिने धोखरि जाइ छै
12-17-2009
(स्रोत : नेपाली गजल गुगल ग्रुप )