————- मेंहदीकेँ रंग ——————–
खनकेँ कंगना गमकेँ हाथमे मेंहदीकेँ रंग
साओनकेँ फुन्ही संग मोनमे नवीण तरंग
एहनमे तरसे श्रृंगार पिया दुलारक लेल
घर आउ परदेशी रहु किछु दिन संग ।। १
———- साओन मास ———–
वितल जाए साओन मास पिया
मधुवाएल मोन उदाश पिया
सौख श्रृंगार सब भेल अनुना
एलहुँ नहि देखाकऽ आश पिया ।। २
विनीत ठाकुर
मिथिलेश्वर मौवाही–६, धनुषा
(स्रोत : रचनाकार स्वयंले ‘Kritisangraha@gmail.com‘ मा पठाईएको । )