ङौ म्यार्मीनाङ रीका टा ठुरी सानुय !
दिन हिल्चै मुमे औला बिचरी सानुय!
हुलाकी दाजै गद्दारी जाता की कुट?
रीक्ममाकामे की नाकै ङाक्च ङकी झुट?
झुक्डीया की ङाकी निस्ठुरी सानुय!
दिन हिल्चै मुमे औला बिचरी सानुय!
लोस छानार जिवाकी पर्च कुङ्च लेसा जुनी
नुआर गिन्नी हुलाकी दाजैकी नत जाता बैगुनी
आर्मेट्चै दिन हिल्नला कठैबरी सानुय!
दिन हिल्चै मुमे औला बिचरी सानुय!
पुर्बछाने मगर
रामेछाप
(स्रोत : Fyangkhola )