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मगर भाषी गजल : हिके ढाटा नाकोई

~तारा थापा मगर~ कुन्च बैमान ङाके हिके ढाटा नाकोई ङउ दास्मो अर्कुङ वैना लाटा नाकोई सधै देउला नाको बिना मुके माहेक्ले छिनिङ पिहिन ङाक्के हिके बाटा नाकोई

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