मैथिली मुक्तक : माय मिथिला

~विनीत ठाकुर~Binit Thakur

माय मिथिलाकेँ संतान अहाँ
राखु पूर्वजकेँ मान अहाँ
छोडि़कऽ सबटा टिकरम–जाल
बनु यौ मैथिल महान अहाँ ।।

मिथिलाक्षर ( तिरहुता लिपि ) मे सेहो :

 

 

 

 

 

 

 

 

विनीत ठाकुर
मिथिलेश्वर मौवाही–६, धनुषा

(स्रोत : रचनाकार स्वयंले ‘Kritisangraha@gmail.com‘ ईमेलमा पठाईएको । )

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