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मैथिली गजल : डर लगैए - साहित्य सङ्ग्रहालय
~रोशन जनकपुरी~ नाचि रहल गिरगिटिया कोना, डर लगैए साँच झूठमे झिझिरकोना, डर लगैए कफन पहिरने लोक घुमए एम्हर ओमहर शहर बनल मरघटके बिछौना, डर लगैए हमरे बलपर पहुँचल अछि जे संसदमे हमरे पढ़ाबे डोढ़ा-पौना, डर लगैए आङनमे अछि गुम्हरि रहल … Continue reading →